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संभल जामा मस्जिद की बाहरी दीवारों पर सफेदी की मिली अनुमति, हाई कोर्ट ने फैसले में क्या-क्या कहा?

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उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद की बाहरी दीवारों पर सफेदी करने के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को बाहरी दीवारों पर सफेदी करने की अनुमति प्रदान की है, साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।

कोर्ट की टिप्पणी

सुनवाई के दौरान जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने ASI के वकील से पूछा कि मस्जिद कमेटी कई वर्षों से सफेदी करा रही थी, उस समय ASI क्या कर रहा था। कोर्ट ने ASI की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि मस्जिद कमेटी ने समझौते का उल्लंघन किया था, तो ASI ने पहले कार्रवाई क्यों नहीं की। कोर्ट ने ASI पर सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप भी लगाया।

मस्जिद कमेटी की याचिका

मस्जिद कमेटी ने रंगाई-पुताई की अनुमति के लिए सिविल रिवीजन याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने इस याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए बाहरी दीवारों पर सफेदी की अनुमति दी है। इसके अलावा, कोर्ट ने बाहरी दीवारों पर लाइटिंग लगाने की भी अनुमति दी है, बशर्ते यह कार्य ढांचे को नुकसान पहुंचाए बिना किया जाए।

ASI की प्रतिक्रिया

ASI के वकील ने कोर्ट में कहा कि मस्जिद कमेटी ने कई वर्षों तक सफेदी कराई है, जिससे ढांचे की बाहरी दीवारों को नुकसान पहुंचा है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि ASI उस समय क्या कर रहा था और अब क्यों जागा है। कोर्ट ने ASI की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि वह सरकार के इशारे पर काम कर रहा है और अपनी ड्यूटी निभाने में विफल हो रहा है।

निष्कर्ष

इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले से मस्जिद कमेटी को राहत मिली है, क्योंकि अब वे मस्जिद की बाहरी दीवारों पर सफेदी और लाइटिंग का कार्य कर सकते हैं। कोर्ट ने ASI को भी अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाने की हिदायत दी है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की समस्याएं न उत्पन्न हों।

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